Ayurvedic Treatment for Alzheimer (अल्जाइमर का आयुर्वेदिक उपचार)

अल्जाइमर एक मस्तिष्क की बीमारी है जो व्यक्ति में  बहुत धीरे से शुरू होती है ।जिसकी वजह से मनुष्य की मानसिक शक्ति और स्मरण शक्ति कमजोर होने लग जाती है ।आज के समाज में लोग आधुनिक चिकित्सा के अनुसार अनेक दवाईयां खा खा कर अपनी मानसिक शक्ति को और ज्यादा कमजोर कर लेते हैं । एक शोध के अनुसार मस्तिष्क की यह बीमारी धीरे धीरे आपके सारे मस्तिष्क को ग्रसित कर देती है । आयुर्वेद के अनुसार अगर व्यक्ति अपने आप को हर समय व्यस्त रखे तो इस हानिकारक बीमारी से बच सकता है ।इसके अलावा प्राणायाम ,व्यायाम ,योग और ध्यान को केंद्रित करने से आप मस्तिष्क की बीमारी अल्जाइमर से सुरक्षित रह सकते हैं  और अपने मस्तिष्क को मजबूत बना  सकते हैं । आधुनिक चिकित्सा में आज तक अल्जाइमर रोग होने की वजह नहीं पता चली है परन्तु अनेक शोधों के अनुसार यह बीमारी ६० से ७० % अनुवांशिक मानी गयी है ।इसके अलावा अल्जाइमर उच्चरक्तचाप ,सिर के ऊपर चोट लगना आदि कारणों से हो सकती है ।मस्तिष्क की इस हानिकारक बीमारी से बचने के लिए आपको पोषक तत्वों से भरपूर भोजन के साथ साथ शारीरिक कसरत भी करनी चाहिए ।इस लेख में हम मस्तिष्क की जानलेवा बीमारी अल्जाइमर को दूर करने वाले आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जानेगें ।

अल्जाइमर का आयुर्वेदिक उपचार

अल्जाइमर के आयुर्वेदिक उपचार आइये जानते हैं

1. पीपल का पौधा लाभदायक

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अगर आप मस्तिष्क की जानलेवा बीमारी अल्जाइमर से ग्रसित हैं तो आपके लिए पीपल का इस्तेमाल करना लाभकारी साबित हो सकता है ।एक शोध के अनुसार पीपल शरीर के अंदर अल्जाइमर के हानिकारक संक्रमण एन्जाइम को रोकने में सहायक साबित होता है।इसके लिए पीपल की जड़ से काढ़ा तैयार करके उसको सुबह और शाम एक गिलास नियमित सेवन करने से यह मस्तिष्क की बीमारी अल्जाइमर को जल्दी खत्म करने में मददगार  साबित होता है ।

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व्याख्या –  इस श्लोक में कहा गया है कि पीपल मधुर रस से युक्त ,मेद ,कफ ,श्वास,कास और ज्वर का नाश  करने वाली  होती है एवं वृष्य ,मेधा के लिए लाभकारी और अग्निवर्धक होती है ।

संदर्भ – भावप्रकाश निघटु ,(हरितक्यादिवर्ग ),श्लोक -५७ ।

2. हल्दी का सेवन फायदेमंद

आयुर्वेद के अनुसार हल्दी के अंदर पाया जानेवाला करक्यूमिन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ साथ मस्तिष्क की हानिकारक बीमारी अल्जाइमर को दूर करने में मददगार साबित होता है ।आयुर्वेदिक चिकित्सा में हल्दी को अल्जाइमर को दूर करने वाली उत्तम औषधि माना गया  है ।हल्दी के अंदर पाया जाने वाला करक्यूमिन मस्तिष्क विकारों को दूर करने  के अलावा स्मरण शक्ति को बढ़ाने में लाभकारी साबित होता है ।आयुर्वेद में हल्दी को स्मरण शक्ति बढ़ाने वाली रामबाण औषधि कहा गया है ।

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व्याख्या  इस श्लोक में कहा गया है कि हल्दी कड़वी और तिक्तरस से युक्त ,रुक्ष ,उष्णवीर्य ,कफ और पित्त को संतुलित रखने वाली ,शरीर के वर्ण को उज्जवल करने वाली एवं चर्म दोष निरोधक ,रक्तविकार ,रक्त की कमी को पूरा करने वाली और व्रण को दूर करने वाली होती है   

संदर्भभावप्रकाश ,(हरितक्यादिवर्ग),श्लोक१९७

3. टमाटर भी है  लाभकारी

एक शोध के अनुसार मनुष्य की आयु बढ़ने के साथ साथ शरीर में रक्तचाप बढ़ने ,रक्त संचार के असंतुलन जैसी समस्याएं सामने आने लग जाती हैं । व्यक्ति की आयु ५० से ऊपर होने के बाद शरीर में हृदय रोगों और शुगर के असंतुलित होने की सम्भावना बढ़ने लग जाती हैं ।इन सभी समस्यायों को दूर करने और अपने मस्तिष्क को अल्जाइमर जैसी बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए आपको भोजन में टमाटर का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए या फिर आपको टमाटर का इस्तेमाल सलाद के रूप में रोजाना करना चाहिए।यह मस्तिष्क की बीमारी अल्जाइमर को दूर करने के अलावा हृदय रोगों और कैंसर की बीमारी को रोकने में सहायक साबित होता है

4. हरी सब्जियों का सेवन लाभकारी

आयुर्वेद की चिकित्सा के अनुसार हरी सब्जियों का नियमित सेवन मस्तिष्क की बीमारी अल्जाइमर को दूर करने में मददगार साबित होता है ।यह सब्जियां मानसिक शक्ति को मजबूत करने के अलावा मन को शांत रखने में सहायक होती है ।यह सब्जियां विटामिन बी से भरपूर होती हैं जो आपके मानसिक विकारों को दूर करने में लाभदायक होता है  । इसलिए  आपको भोजन में हरी सब्जियों का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए ।

5. दालचीनी एक फायदेमंद औषधि

आयुर्वेद के अनुसार भारत देश में दालचीनी का इस्तेमाल लगभग हर रसोई के अंदर मसाले के रूप में किया जाता जाता है ।एक शोध के अनुसार दालचीनी मस्तिष्क की बीमारी अल्जाइमर को दूर करने के अलावा मानसिक कमजोरी को दूर करने में भी लाभकारी साबित होती है ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको आधा चम्मच दालचीनी चूर्ण को सुबह खाली पेट १ चम्मच मधु के साथ सेवन करने से यह आपकी स्मरण शक्ति को बढ़ाने के साथ साथ मानसिक बिमारियों को दूर करने में फायदेमंद साबित होती है।इसलिए अल्जाइमर से ग्रसित व्यक्ति को दालचीनी का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए ।

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व्याख्या इस श्लोक में कहा गया है कि दालचीनी स्वादिष्ट ,तिक्तरसयुक्त,वात और पित्त को संतुलित रखने वाली ,सुगंध से भरपूर ,शुक्रजनक,बल को बढ़ाने वाली ,मुख का सूखापन और प्यास को दूर करने वाली है |

संदर्भभावप्रकाश निघण्टु ,(कर्पूरादिवर्ग ),श्लोक६७

6. नारियल का तेल लाभदायक

आयुर्वेद के अनुसार नारियल का तेल मस्तिष्क की बीमारी अल्जाइमर को दूर करने में मददगार साबित होता है ।अगर आप नियमित रूप से आधा चम्मच सुबह खाली  पेट नारियल तेल का सेवन करते हैं तो यह प्रयोग मानसिक विकारों को दूर करने के साथ साथ स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक साबित होता है ।

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व्याख्या – इस श्लोक में कहा गया है कि नारियल शीतल ,देर से हजम होने वाला ,हाजमे को बढ़ाने वाला ,पेट रोगों को दूर करने वाला ,शरीर को मजबूत बनाने वाला ,रक्त को बढ़ाने वाला ,शरीर में वात और पित्त को संतुलित रखने वाला ,रक्तविकारों को दूर करने वाला और त्वचा रोगों को दूर करने वाला होता है ।

संदर्भ- भावप्रकाश निघण्टु,(अमरदिफलवर्ग),श्लोक -३९ ।

 

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Dr. Vikram Chauhan

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is a Globally Renowned Ayurveda Physician with Expertise of more than 25 Years. He is the CEO & Founder of http://www.PlanetAyurveda.com, a leading Ayurveda Brand, Manufacturing, and Export Company with a Chain of Clinics and Branches in the US, Europe, Africa, Southeast Asia, India, and other parts of the World. He is also an Ayurveda Author who has written Books on Ayurveda, translated into Many European Languages. One of his Books is "Ayurveda – God’s Manual for Healing". He is on a Mission to Spread Ayurveda All Over the Planet through all the Possible Mediums. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of the Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit. Read More

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