Benefits of Herb Amaltas In Ayurveda (अमलतास का पौधा अनेक आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर)

अमलतास का पौधा आयुर्वेद के अनुसार अनेक प्राकृतिक गुणों से भरपूर माना जाता है जो आपके शरीर को अनेक बिमारियों से सुरक्षित रखने के साथ -साथ रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होता है । आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अमलतास का पौधा दिखने में साधारण परन्तु अनेक औषधीय लाभकारी गुणों से सम्पन माना गया है।

अमलतास का पौधा

अमलतास का परिचय

अमलतास के पौधे का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही अनेक बिमारियों की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में होता आ रहा है ।यह १५ से १८ मीटर ऊँचा पर्णपाती वृक्ष है । आयुर्वेद में अमलतास अपने पीले चमकदार फूलों के लिए बहुत ज्यादा विख्यात है ।जब यह पौधा अपनी यौन अवस्था में होता है तो इसकी छाल मुलायम और चिकनी भूरे रंग की होती हैं ।अमलतास पौधे का हर भाग प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक औषधियाँ बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है ।अमलतास की पत्तियों की लम्बाई ६ से १५ सेंटीमीटर की होती है और ३ से ८ सेंटीमीटर की चौड़ी होती है ।इसके फूल पीले रंग के होते हैं ।इसके फलों की लम्बाई १० से ६५ सेंटीमीटर होती है और चौड़ाई १ से ३ सेंटीमीटर चौड़ी होती है ।यह फल पकने से पहले हरे और पकने के बाद भूरे रंग के हो जाते हैं ।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अमलतास के फल शरीर को स्वस्थ रखने में  बहुत ही लाभकारी माने जाते हैं ।अमलतास के अंदर एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेंटरी जैसे महत्वपूर्ण गुणों की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार मानी गयी है ।इस लेख में हम अमलतास के बिमारियों को दूर करने वाले लाभकारी गुणों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करेगें ।

ancient reference

व्याख्या –  इस श्लोक में कहा गया है कि अमलतास गुरु ,मधुर ,शीतल और उत्तम रेचक है ।यह जकर ,हृदय रोग ,रक्तपित्त ,वायु ,उदावर्त और शूल को दूर करता है ।इसका फल मृदु रेचक ,रुचिकारक ,कुष्ठ ,पित्त तथा कफ को दूर करने वाला होता है । यह ज्वर को दूर करने में बहुत ज्यादा मददगार है एवं कुष्ठ रोग को शुद्ध करने में श्रेष्ठ साबित होता है ।

संदर्भ – भावप्रकाश निघण्टु ,(हरितक्यादिवर्ग ),श्लोक -१४९-१५० ।

आइये जानते हैं अमलतास के औषधीय गुणों के बारे में

1. शुगर को रखे संतुलित

एक शोध के अनुसार आज कल लोगों की खराब दिनचर्या और गलत खान पान की वजह से शुगर के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है ।इस बीमारी में व्यक्ति धीरे धीरे कमजोर होता चला जाता है और अंत में उसकी मृत्यु हो जाती है ।अगर किसी भी व्यक्ति को शुगर है तो उसको अमलतास के पौधे का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है ।इसके उपयोग के लिए आपको अमलतास की छाल से काढ़ा तैयार करके आधा गिलास सुबह खाली पेट सेवन करने से आपके शरीर में यह रक्त के अंदर इन्सुलिन की मात्रा को कम कर शुगर को संतुलित बनाये रखता है ।अगर इस प्रयोग का रोजाना इस्तेमाल किया जाए तो शुगर की बीमारी को बहुत जल्दी दूर किया जा सकता है ।

2. गठिया रोग को दूर करे

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार लोगों की हड्डियांऔर मांसपेशियां उम्र बढ़ने के साथ -साथ बहुत जल्दी कमजोर होने लग जाती है और दर्द करने लग जाती हैं और आगे चलकर यह दर्द गठिया की बीमारी में बदल जाता है ।अगर आप गठिया की बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको अमलतास का इस्तेमाल करना लाभकारी साबित हो सकता है ।इसके इस्तेमाल के लिए अमलतास की १५  से २० ग्राम पतियों को देसी गाय के घी में तलकर सुबह और शाम को १ चम्मच देसी गाय के दूध के साथ सेवन की जाए तो यह गठिया दर्द को बहुत जल्दी दूर करने में मददगार साबित होता है ।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार  यह प्रयोग गठिया की बीमारी को जल्दी ठीक करने में सहायक माना जता है ।

3. कब्ज की समस्या को दूर करे

एक शोध के अनुसार लोगों के गलत खान पान जैसे फ़ास्ट फ़ूड और तला हुआ भोजन सेवन करने की वजह से बहुत जल्दी कब्ज की समस्या हो जाती है ।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अकेली कब्ज शरीर के अंदर अनेक बिमारियों को उत्पन कर देती है ।अमलतास का इस्तेमाल कब्ज की परेशानी को दूर करने में मददगार साबित होता है ।इसके उपयोग के लिए अमलतास के फल के गूदे को १५ से २० ग्राम १ गिलास  पानी में रात को भिगो कर रख दें और सुबह खाली पेट इस पानी को सूती कपड़े से छानकर पी लें ।यह प्रयोग पेट को साफ कर  पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाने में लाभकारी माना जाता है ।

4. घाव को दूर करने में सहायक

एक शोध के अनुसार अमलतास शरीर के किसी भी घाव को दूर करने में मददगार माना गया है ।अगर आपको त्वचा में घाव हो गया है तो अमलतास की छाल को पानी के साथ पीसकर इस मिश्रण को घाव के ऊपर लगाया जाए तो यह घाव को जल्दी भरने में सहायक माना जाता है ।इस प्रयोग का नियमित इस्तेमाल शरीर की त्वचा को संक्रमण से बचाए रखने के अलावा शरीर को प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करने में मददगार माना गया है ।

5. दाद और खुजली को खत्म करे

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार शरीर को त्वचा के रोगों से दूर रखने में अमलतास को रामबाण औषधि कहा जाता है ।अगर आपकी त्वचा में दाद या खुजली हो गयी है तो अमलतास की पत्तियों को पानी के साथ पीसकर इस मिश्रण को त्वचा के दाद और खुजली पर लगाया जाए तो यह उनको जल्दी खत्म कर देता है ।अमलतास के अंदर एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो आपके शरीर को हानिकारक बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाए रखने में सहायक माना गया है।

6. बवासीर को दूर करे

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार बवासीर की बीमारी में व्यक्ति को मल त्याग करते समय असहनीय दर्द होता है ।इस समस्या को दूर करने के लिए आपको अमलतास का सेवन करना लाभदायक हो सकता है ।इसके उपयोग के लिए आपको अमलतास के फलों का गूदा ,हरड़ को १० से १२ ग्राम  समान मात्रा में १ गिलास पानी के अंदर अच्छे से उबाल लें और जब यह आधा गिलास रह जाए तो इसको हल्का गर्म रह जाने पर रात को सोने से पहले रोजाना सेवन करें ।यह प्रयोग बवासीर के दर्द को बहुत जल्दी दूर कर इस बीमारी को बिल्कुल खत्म कर देता है ।

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Dr. Vikram Chauhan

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is a Globally Renowned Ayurveda Physician with Expertise of more than 25 Years. He is the CEO & Founder of http://www.PlanetAyurveda.com, a leading Ayurveda Brand, Manufacturing, and Export Company with a Chain of Clinics and Branches in the US, Europe, Africa, Southeast Asia, India, and other parts of the World. He is also an Ayurveda Author who has written Books on Ayurveda, translated into Many European Languages. One of his Books is "Ayurveda – God’s Manual for Healing". He is on a Mission to Spread Ayurveda All Over the Planet through all the Possible Mediums. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of the Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit. Read More

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