Treatment of Epilepsy Through Ayurveda (एपिलेप्सी (मिर्गी का दौरा) का आयुर्वेदिक चिकित्सा के द्वारा उपचार)

आयुर्वेद के अनुसार इस बीमारी के अंदर व्यक्ति को एकदम से दौरा पड़ता है और वह बेहोश होकर गिर जाता है ।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार मिर्गी की बीमारी शरीर के तंत्रिका तंत्र से जुडी होती है जब तंत्रिका तंत्र के अंदर विकार उत्पन्न  हो जाता है तो व्यक्ति को मिर्गी के दौरे पड़ने शुरू हो जाते हैं ।मिर्गी की बीमारी के अंदर व्यक्ति का मस्तिष्क असंतुलित हो जाता है और उसके हाथ और पैर सुन्न पड़ जाते हैं । आधुनिक चिकित्सा के अंदर इस बीमारी को दूर करने के लिए दवाईयां दी जाती हैं परन्तु व्यक्ति जब तक दवाईयों का सेवन करता है ठीक रहता है और उनके बंद करने के बाद यह बीमारी फिर से हो जाती है ।इस लेख में हम आयुर्वेद के अनुसार इस बीमारी को हमेशा के लिए दूर करने के उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करेगें ।

आयुर्वेद के अनुसार मिर्गी का दौरा पड़ने की मुख्य वजह

  1. व्यक्ति के सिर में चोट लगने की वजह से यह बीमारी हो सकती है ।
  2. अत्यधिक शराब या फिर नशीले पदार्थों के सेवन से भी मिर्गी की बीमारी हो सकती है ।
  3. मस्तिष्क कैंसर की वजह से आप मिर्गी की बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं ।
  4. एक शोध के अनुसार व्यक्ति के मस्तिष्क के अंदर ऑक्सीजन की कमी हो जाने की वजह से भी मिर्गी का दौरा पड़ सकता है ।
  5. महिलाओं में मासिक चक्र की अनियमितता के कारण भी मिर्गी का दौरा पड़ सकता है ।

एपिलेप्सी

आयुर्वेद के अनुसार मिर्गी का उपचार

1. तुलसी का सेवन उत्तम उपाय

तुलसी का पौधा  बहुत से गुणों से भरपूर होता है  । इसके अंदर रोगों से लड़ने की शक्ति होती है ।यह बहुत ही पवित्र आयुर्वेदिक औषधि मानी गयी है। भारत में इस पौधे को देवी देवताओं की तरह पूजा जाता है ।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार तुलसी के पत्तों को पानी में डालने मात्र से पानी स्वच्छ और साफ हो जाता है ।यह पौधा अनेक बिमारियों में महत्वपूर्ण औषधि साबित होता है ।इसके अंदर एंटीआक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आपके मस्तिष्क विकारों को दूर करने में मददगार होती है । अगर मिर्गी की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति नियमित रूप से १५ से २० पत्ते खाता है तो उसके लिए फायदेमंद माना जाता है ।इसलिए मिर्गी की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को तुलसी का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।

ancient reference

व्याख्या यह श्लोक आयुर्वेद के  ग्रन्थ भावप्रकाश निघण्टु से लिया गया है इस श्लोक में तुलसी के नाम और गुणों के बारे में बताया गया है। श्लोक में कहा गया है कि तुलसी,सुरसा ,ग्राम्या,सुलभा ,बहुमञ्जरी ,अपतराक्षसि,गौरी ,भूतघ्नी,देवदुंदुभि ये सभी नाम तुलसी के कहे गए हैं ।तुलसी कटु तथा तीखी ,हृदय के लिए हितकारी ,उष्ण,दाह तथा पीत कारक ,अग्निदीपक और कुष्ठ ,रक्त का विकार ,पसली की पीड़ा ,कफ और वायु को दूर करने वाली है ।सफेद और काली तुलसी दोनों गुणों में समान  है

संदर्भ भावप्रकाश निघण्टु ,श्लोक६३

2. प्रोटीन और विटामिन से भरपूर भोजन का सेवन लाभकारी

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति मिर्गी की बीमारी से पीड़ित है तो उसको अपने आहार में फैटी भोजन को जोड़ लेना चाहिए और कार्बोहाइड्रेट से युक्त भोजन को बहुत कम खाना चाहिए ।अगर मिर्गी के दौरे से पीड़ित व्यक्ति सुबह खाली पेट त्रिफला का सेवन करे तो ये उसके लिए लाभकारी माना जाता है ।आयुर्वेद के अनुसार बकरी का दूध भी मिर्गी के रोग को खत्म करने में सहायक साबित होता है।

3. अंगूर का सेवन फायदेमंद

एक शोध के अनुसार अगर मिर्गी की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति अंगूर का उपयोग करता है तो यह उसकी बीमारी को दूर करने में मददगार साबित होता है ।इसके इस्तेमाल के लिए सुबह खाली पेट आधा गिलास अंगूर रस का सेवन करना बहुत ज्यादा उपयोगी माना जाता है ।इसके सेवन से दौरे पड़ने बंद हो जाते हैं ।इसके अलावा अगर प्याज का रस निकालकर २ से ३ चम्मच प्याज के रस को गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट सेवन किया जाए तो यह मिर्गी का दौरा पड़ने की बीमारी को खत्म कर देता है ।

4. कद्दू का सेवन उपयोगी

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार कद्दू का सेवन मिर्गी की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा और सबसे उपयोगी साबित होता है ।मिर्गी के दौरे से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह फायदेमंद घरेलू उपायों  में से एक है ।कद्दू  के अंदर पाए जाने वाली  प्रोटीन और विटामिन की भरपूर मात्रा मस्तिष्क को शांत और विकारों से दूर करने में सहायक साबित होती है ।इसके इस्तेमाल के लिए आप इसकी सब्जी का सेवन कर सकते हैं इसके अलावा आप कद्दू के आधा गिलास रस को सुबह खाली पेट सेवन कर सकते हैं ।आयुर्वेद के अनुसार  यह प्रयोग मिर्गी के दौरे बहुत जल्दी बंद करने में मददगार माना गया है।

5. मुलेठी का सेवन लाभदायक

मुलेठी का पौधा अनेक बिमारियों को दूर करने की महत्वपूर्ण औषधि मानी गयी है ।इसका सेवन आपके शरीर में वात और पित्त दोष को संतुलित रखने वाला साबित  होता है ।यह आपके शरीर में रक्त को स्वच्छ और दुरुस्त रखने में सहायक होती है।अगर १ चम्मच मुलेठी चूर्ण को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ नियमित रूप से सेवन किया जाए तो यह मिर्गी की बीमारी को बहुत जल्दी दूर करने में मददगार साबित होता है ।इसलिए मिर्गी की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को रोजाना मुलेठी चूर्ण का सेवन करना चाहिए ।

ancient reference

व्याख्या – इस श्लोक में कहा गया है कि मुलेठी शीतवीर्य ,गुरु ,मधुररसयुक्त ,नेत्रों के लिए लाभकारी ,बलकारक तथा व्रणको सुन्दर रखने वाली ,वीर्यजनक ,बालों के लिए फायदेमंद ,स्वर को सुधारने वाली ,पित्त और वात को संतुलित रखने वाली और रक्त रोगों को दूर करने वाली ,व्रण,शोथ ,विष ,वमन ,प्यास ,ग्लानि तथा क्षय रोगों को दूर करने वाली होती है ।

  संदर्भ – भावप्रकाश निघण्टु ,(हरितक्यादिवर्ग ),श्लोक -१४६ ।

 

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Dr. Vikram Chauhan

Dr. Vikram Chauhan (MD-Ayurveda) is an expert ayurvedic doctor based in Chandigarh, India and doing his practice in Mohali, India. He is spreading the knowledge of Ayurveda - Ancient healing treatment, not only in India but also abroad. He is the CEO and Founder of Planet Ayurveda Products, Planet Ayurveda Clinic and Krishna Herbal Company. Read More

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