Cissus Quadrangularis: A Herbal Remedy for Bone Health (हड़जोड़ एक औषधीय पौधा)
आयुर्वेद में यह पौधा हड्डियों को जोड़ने की सबसे अच्छी औषधि माना गया है इसको अस्थि शृंखला भी कहा जाता है ।अगर आप इस लाभकारी पौधे का इस्तेमाल अपनी हड्डी और जोड़ों के लिए करते हैं तो यह बहुत उपयोगी साबित होता है ।इस औषधीय पौधे में एंटी ऑक्सीडेंट जैसे महत्वपूर्ण गुण पाए जाते हैं जो आपके शरीर की हड्डियों को मजबूती देने के साथ साथ जोड़ों के दर्द को दूर करने में भी सहायक साबित होते हैं।आयुर्वेद में इस पौधे को अंगूर के परिवार का सदस्य माना गया है जो मैदानी भागों में बेल के रूप में विकसित होता है।इस पौधे को हर टहनी को तोड़ कर उगाया जा सकता है और इसकी पत्तियां बिल्कुल सूक्ष्म आकार की होती हैं और इस औषधीय पौधे के फल छोटे छोटे लाल रंग के होते हैं और इसकी बेल की लम्बाई लगभग ८ से ९ मीटर तक हो सकती है ।इस पौधे के हर एक भाग का इस्तेमाल प्राचीन काल से आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिए होता आ रहा है ।भारत देश के कुछ भाग जैसे तामिल नाडु ,उड़ीसा ,झारखण्ड ,केरल में इस पौधे के तने का संग बना कर खाया जाता है।यह औषधीय पौधा वर्षा ऋतु में हरा हो जाता है और सर्दी आने तक इसके फल पक जाते हैं ।यह भूरे रंग का गुणकारी पौधा होता है और इसकी तासीर गरम होती है ।हड़जोड़ पौधे के अंदर कैल्शियम ,पोटेशियम ,मैग्नीशियम ,फास्फोरस और आयरन जैसे लाभकारी खनिज पदार्थों की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आपके शरीर को बीमारियों से बचाने में सहायक होती है ।हड़जोड़ चूर्ण का सेवन आपके शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी कारगर साबित होता है ।आयुर्वेद के ग्रंथों में इसको सबसे अच्छी रोगनिवारक औषधि माना गया है। टूटी हड्डियों के लिए तो यह औषधि किसी वरदान से कम नहीं होती ।इस लेख में हम हड़जोड़ के आयुर्वेदिक गुणों के बारे जानेगें ।
व्याख्या – इस श्लोक में कहा गया है कि हड़जोड़ वात और कफ दोष को संतुलित रखने वाली ,टूटी हड्डियों को जोड़ने वाली ,उष्णवीर्य ,पेट की समस्याओं में लाभकारी,बवासीर को खत्म करने वाली ,नेत्र रोगों को दूर करने वाली ,रुक्ष ,स्वादिष्ट ,लघु ,वृष्य ,पचने योग्य और पित्त को शांत रखने वाली होती है ।
संदर्भ – भावप्रकाश निघण्टु ,(गुडुच्यादिवर्ग ),श्लोक -२२६-२२७ ।
आइये जानते हैं हड़जोड़ के महत्वपूर्ण फायदों के बारे में
1. हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में सहायक
अगर आपको हड्डियों में किसी भी प्रकार की समस्या है या फिर आपकी हड्डियां कमज़ोर होने लगी हैं तो इन समस्याओं को दूर करने के लिए हड़जोड़ पौधे की जड़ का चूर्ण रामबाण औषधि माना गया है । टूटी हड्डी के लिए आपको हड़जोड़ की जड़ का इस्तेमाल पानी के साथ करना चाहिए इसके उपयोग के लिए सबसे पहले हड़जोड़ की जड़ को पानी के साथ अच्छी तरह से घिसाकर उसका लेप तैयार कर लें और इस लेप को टूटी हड्डी की जगह पर लगाने से यह प्रयोग बहुत जल्दी हड्डी को भरने में सहायक साबित होता है ।एक शोध के अनुसार हड़जोड़ का इस्तेमाल सबसे ज्यादा खिलाडी करते हैं क्योंकि यह हड्डियों को लचीला बनाने में बहुत लाभकारी होता है ।
2. श्वास रोगों में लाभकारी
अगर आपको श्वास लेने और छोड़ने में परेशानी होती है या फिर आपको खांसी और दमा की समस्या है तो इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए हड़जोड़ चूर्ण का सेवन नियमित रूप से करना लाभकारी साबित हो सकता है ।हड़जोड़ के इस्तेमाल के लिए इसकी छाल से चूर्ण तैयार करके गुनगुने पानी के साथ खाली पेट सेवन करने से आपकी श्वास की सभी समस्याएं जल्दी खत्म हो जाती हैं ।
3. पेट की समस्याओं में उत्तम औषधि
आज का मानव घर का ताज़ा भोजन छोड़ कर फ़ास्ट फ़ूड का रोजाना सेवन करने लगा है जो उसके पाचन तंत्र के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकता है यह हानिकारक भोजन शरीर के अंदर कितना नुकसान पहुंचा रहा है इसका आपको अंदाजा भी नहीं है। इस खाने की वजह से पेट दर्द ,गैस ,कब्ज,अल्सर और बवासीर जैसी बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती है इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए हड़जोड़ चूर्ण का रोजाना सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है । एक चम्मच हड़जोड़ के चूर्ण में एक चम्मच मधु मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करने से आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है और आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी यह औषिधि सहायक साबित होता है ।
4. बवासीर को दूर करने में सहायक
आयुर्वेद के अनुसार शरीर के अंदर सबसे ज्यादा बीमारियां आपकी पाचन क्रिया के खराब होने की वजह से आती हैं जैसे कि सीने में दर्द ,खाना हजम ना होना ,बार बार सिर दर्द होना ,तनाव ,थकान और हमेशा चिड़चिड़ा रहना ,हृदय रोग ,बवासीर ,लीवर में सूजन आदि ये सभी बीमारियां सिर्फ कब्ज की वजह से होती हैं।कब्ज को दूर करने के लिए फाइबर से भरपूर पदार्थ ,ताजी सब्जियां और ताजे फलों का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है इसलिए इन सभी को अपने भोजन में जोड़ लें इसके अलावा अगर आप हड़जोड़ के चूर्ण के साथ समान मात्रा में हरड़ और लहसुन को पीस लें और इस मिश्रण को बवासीर की फुंसी के ऊपर लगाने से आपकी समस्या जल्दी दूर हो जाएगी ।आयुर्वेद में इस प्रयोग को बवासीर की उत्तम औषधि माना गया है ।
5. रीढ़ की हड्डी के दर्द को दूर करने में सहायक
एक शोध से पता चला है कि अगर आपको रीढ़ कि हड्डी में वेदना रहती है तो उसको दूर करने के लिए हड़जोड़ का इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित होता है ।इस प्रयोग के उपयोग के लिए हड़जोड़ पौधे के पत्तों को गरम करके रीढ़ की हड्डी पर सेंकने से आपको वेदना में बहुत जल्दी आराम मिलता है। इसके अलावा अगर आप हड़जोड़ की जड़ से रस निकाल कर उसके अंदर तिल का तेल मिश्रण करके शरीर की मोच या घाव पर लगाते हैं तो आपको मोच दर्द में बहुत आराम मिलता है।
6. रक्तचाप को रखे संतुलित
हड़जोड़ के चूर्ण में ऐसे अनेक औषधीय गुण पाए जाते हैं जो आपके शरीर में रक्त के प्रवाह को संतुलित बनाए रखने में सहायक साबित होते हैं ।अगर आपकी उम्र ४० साल से ज्यादा हो गयी है तो नियमित रूप से हड़जोड़ चूर्ण का सेवन करना आपके रक्तचाप को संतुलित रखने के साथ साथ आपके शरीर की हड्डियों को भी मजबूत बनाए रखने में महत्वपूर्ण साबित होता है ।इसके इस्तेमाल के लिए हड़जोड़ की जड़ का चूर्ण तैयार करके उसको रात के समय सोने से पहले देसी गाय के दूध के साथ सेवन करने से शरीर में रक्त संचार संतुलित रहता है ।यह प्रयोग आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होता है ।