Bauhinia Variegata: A Therapeutic Herb (कांचनार एक औषधीय वनस्पति)
भारत देश में अनेक प्रकार की प्राकृतिक जड़ी बूटियां और पौधे पाए जाते हैं जिनका प्रयोग प्राचीन काल से आयुर्वेदिक चिकित्सा में होता आया है। हम आपको हर बार एक नई प्राकृतिक औषधि और उसके गुणों के बारे में बताते हैं और उन्ही प्राकृतिक औषधियों में से एक है कांचनार का औषधीय गुणों से भरपूर पौधा ।यह पौधा हिमालय की ऊंची पहाड़ियों पर विकसित होता है ।इसकी तासीर शीतल और कफ दोष को संतुलित रखने वाली होती है। यह पौधा १० से १२ फीट तक का होता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसको कांचनार के नाम से जाना जाता है इस वृक्ष की छाल भूरे रंग की होती है और आयुर्वेद के अनुसार यह पौधा फूलों की विभिन्नता होने के कारण ३ प्रकार का बताया गया है – १. लाल फूल वाला ,२. पीला फूल वाला , ३. | सफेद फूल वाला। आज कल इस पौधे को घर की सुंदरता बढ़ाने के लिए गमलों में भी रखा जाता है । प्राचीन काल से ही इस पौधे का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाईयाँ बनाने के लिए होता आ रहा है । यह पौधा आपके शरीर में खून के जमाव को खत्म करने में सहायक होता है इसके साथ साथ यह औषधीय पौधा रक्त को शुद्ध करने में,चर्म रोगों में,मासिक चक्र में ,बवासीर में ,पाचन क्रिया में ,पीलिया रोग में इसके अलावा और भी बहुत बीमारियाँ हैं जिनमे यह पौधा लाभदायक साबित होता है |
व्याख्या – इस श्लोक में कहा गया है कि कोविदार ,मरिक ,युगपत्रक ,कुण्डली,ताम्रपुष्प ,अश्मंतक और शव्लपकेशरी ये सभी नाम कांचनार के हैं । कांचनार शीतवीर्य ,मलावरोधक ,कषाय रस से युक्त ,कफ को दूर करने वाला ,पित्त को शांत करने वाला ,कृमि ,कुष्ठ, गण्डमाला और व्रण को दूर करने वाला होता है ।
संदर्भ- भावप्रकाश ,(गुडुच्यादिवर्ग ),श्लोक -१०२-१०३ ।
आइये जानते हैं लाल कांचनार के औषधीय गुणों के बारे में
1. सिर दर्द में असरदार
अगर आपको सिर दर्द की शिकायत रहती है या आपका सिर अत्यधिक काम की वजह से दर्द करने लग जाता है तो आपके लिए कांचनार का उपयोग करना फायदेमंद साबित हो सकता है । लाल फूल वाले कांचनार के पौधे की छाल को पानी के साथ पीसकर उस लेप को अपने माथे पर लगाने से जल्दी ही आपको सिर दर्द में राहत मिलती है ।यह प्रयोग रोजाना करने से आपकी दिमागी शक्ति भी तेज होती है ।
2. मुँह के छालों की लाभकारी औषधि
बहुत कम पानी पीने की वजह से मुँह के अंदर छाले हो जाते हैं जो भोजन करते समय बहुत परेशान करते हैं ।इस समस्या को दूर करने के लिए आपको कांचनार के पौधे की छाल का काढ़ा तैयार करके इसके सुबह सुबह गरारे करने से आपकी मुँह के छालों की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी।
3. रक्त को रखे साफ और स्वस्थ
गलत खान पान की वजह से आपके शरीर के अंदर दूषित रक्त की मात्रा बढ़ जाती है जिसकी वजह से हृदय रोग जैसी बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।अपने शरीर के अंदर रक्त की मात्रा स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने के लिए कांचनार का सेवन करना बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होता है ।इसके प्रयोग के लिए आपको कांचनार के पौधे की छाल और उसके फूलों को १ गिलास पानी में अच्छे से उबाल कर काढ़ा तैयार कर लें और इस काढ़े का सेवन सुबह और शाम करने से आपका रक्त शुद्ध रहेगा और शरीर के अंदर रक्त का संचार दुरुस्त बना रहेगा।
4. मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करे
महिलाओं से संबंधित हर बीमारी में कांचनार का पौधा लाभकारी साबित होता है । कांचनार के फूलों का काढ़ा रोजाना सुबह और शाम सेवन करना महिलाओं की मासिक चक्र से संबंधित हर समस्या को दूर करने में मददगार होता है और मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करके उनको सामान्य करने में सहायक होता है ।यह औषधीय पौधा महिलाओं के गर्भाशय को मजबूत रखने में काफी उपयोगी माना गया है
पीले फूलों वाले कांचनार के औषधीय गुण
1. आंतों के लिए फायदेमंद
आज कल खाने फ़ास्टफ़ूड की वजह से लोग अपने अंदर कितनी बीमारियां पैदा कर रहे हैं उनको इस बात का अंदाजा भी नहीं है । ऐसे बहुत लोग होते हैं जिनके पेट में हल्का सा दर्द शुरु होता है वो दर्द धीरे धीरे आंतों की बहुत बड़ी बीमारी का रूप ले लेता है।इन सभी समस्याओं से बचने के लिए पीले फूल वाले कांचनार की छाल का सेवन करना काफी फायेमंद हो सकता है इसके लिए आपको २ गिलास पानी में कांचनार की छाल को उबाल लेना चाहिए और जब यह आधा गिलास रह जाए तो इसको हल्का गरम सुबह खाली पेट सेवन करना आपकी आंतों को मजबूत बनाने के साथ साथ आंतों के अंदर हानिकारक बैक्टीरिया को ख़त्म करने में सहायक होता है|
2. लीवर को रखे स्वस्थ
लीवर की कोशिकाओं में वसा का बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाना और लीवर के ऊपर सोजिश आ जाना ये सभी समस्याएँ गलत खान पान जैसी बुरी आदतों की वजह से होती हैं। इसके लक्षण है जैसे बहुत ज्यादा चिंता में रहना ,हमेशा थका थका महसूस करना ,पेट दर्द और शरीर का बहुत ज्यादा कमजोर हो जाना आदि ।इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए पीले फूल वाले कांचनार का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है ।इसका प्रयोग करने के लिए कांचनार की छाल और पत्तों का काढ़ा तैयार करके सुबह खाली पेट सेवन करने से आपकी लीवर की बीमारियाँ जल्दी खत्म हो जाती हैं। यह प्रयोग नियमित रूप से करने पर आपका लीवर स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रहता है ।
सफेद फूलों वाले कांचनार के लाभकारी गुण
1. मूत्राशय के लिए मददगार
अगर आपके शरीर के गुर्दे स्वस्थ रहते हैं तो आपका शरीर भी स्वस्थ रहता है और मूत्राशय में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती ।एक अध्ययन के अनुसार अगर कोई रक्तचाप बीमारी का मरीज होगा तो उसको पेशाब से संबंधित परेशानियां आती हैं इन परेशानियों को दूर करने के लिए कांचनार का इस्तेमाल करना उपयोगी साबित होता है ।इसके प्रयोग के लिए आपको कांचनार के फलों का चूर्ण तैयार कर लेना चाहिए और इस मिश्रण को सुबह और शाम गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से पेशाब करते समय जलन की समस्या जल्दी खत्म हो जाती है यह प्रयोग आपके मूत्र के प्रवाह को बढ़ाने में सहायक होता है ।
2. त्वचा के लिए महत्वपूर्ण
आज के हानिकारक वातावरण में आपकी त्वचा का रोगों से ग्रसित होना सामान्य सी बात है । अगर आपको त्वचा से संबंधित कोई समस्या है जैसे कि खुजली होना ,लाल घेरे हो जाना या किसी भी प्रकार का घाव हो जाना इन सभी समस्याओं में कांचनार की छाल का इस्तेमाल उपयोगी होता है ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको कांचनार की छाल को पानी के साथ रगड़कर उस लेप को खुजली या फिर किसी घाव पर लगाने से बहुत लाभ प्राप्त होता है ।